हापुड़ के 65 वर्षीय शख्स को आए 100 से ज्यादा मिनी स्ट्रोक

 

हापुड़ के 65 वर्षीय शख्स को आए 100 से ज्यादा मिनी स्ट्रोक
 

  • बीएलके मैक्स अस्पताल में किया गया सफल इलाज

हापुड़। जिस मरीज को एक हफ्ते के अंदर 100 से ज्यादा इस्केमिक अटैक या मिनी स्ट्रोक आए। उसका बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (नई दिल्ली) में सफलतापूर्वक इलाज किया गया. 65 वर्षीय इस मरीज को नई जिंदगी मिली है। मरीज के दाहिने इंटरनल कैरोटिड आर्टरी से ब्लॉकेज हटाने के लिए इंट्राक्रैनील स्टेंटिंग की गई।
इस्केमिक और हेमोरेगिक स्ट्रोक के बीच अंतर करते हुए मेडिकल टीम ने स्ट्रोक के कारणों की समय पर पहचान और इलाज के लिए विशेषज्ञ के परामर्श भूमिका के बारे में बताया. बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में न्यूरोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर और न्यूरो वैस्कुलर इंटरवेंशन के प्रमुख डॉक्टर विनीत बांगा ने स्ट्रोक के कारणों की तुरंत पहचान की आवश्यकता पर जोर देते हुए मरीज के बारे में बताया. इस मरीज को बार-बार कमजोरी की शिकायत हो रही थी और बोलने में परेशानी हो रही थी।
बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में न्यूरोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर और न्यूरो वैस्कुलर इंटरवेंशन के प्रमुख डॉक्टर विनीत बांगा ने कहा, हापुड़ के श्रीनिवास जौहर (क्रोनिक स्मोकर) को लगभग छह महीने से बोलने और समझने में कठिनाई हो रही थी. इसके अलावा उनके दाहिने हाथ और पैर में कमजोरी की बार-बार शिकायत हो रही थी। अलग-अलग अस्पतालों में छह महीने से ज्यादा वक्त कोशिश की मगर उन्हें राहत नहीं मिली. निराश हो चुके श्रीनिवास जौहर ने बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का रुख किया. शुरुआत में स्ट्रोक के एपिसोड हर हफ्ते 1-2 बार होते थे और 5 मिनट से कम समय तक चलते थे, लेकिन धीरे-धीरे दिन में कई बार ऐसा होने लगा और स्ट्रोक 10-15 मिनट से ज्यादा वक्त तक चलने लगे।

P.K. SHARMA

Blogging in difference subjects since 2012 and related many media companies, having experiences in this field about 12 years.

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