भिवानी वासियों के लिए खुशखबरी, शुरू हुई सेंटर फॉर साइट की वर्ल्ड क्लास आई केयर सेवा

भिवानी वासियों के लिए खुशखबरी, शुरू हुई सेंटर फॉर साइट की वर्ल्ड क्लास आई केयर सेवा
 

भिवानी, 15 अगस्त 2024: आंखों की देखभाल के मामले में सबसे विश्वसनीय नाम सेंटर फॉर साइट की सेवाएं अब भिवानी में मिलेंगी। शानदार टेक्नोलॉजी और भरोसेमंद डॉक्टरों की टीम वाले सेंटर फॉर साइट ने आज भिवानी में अपना वर्ल्ड क्लास आई केयर सेंटर शुरू कर दिया है। इस सेंटर के शुरू होने से भिवानी व आसपास के लोगों को बेहतर आई केयर मिलेगी और उन्हें इसके लिए दूसरे शहरों की तरफ नहीं जाना पड़ेगा। 

इस सेंटर के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव, सम्मानित अतिथि के रूप में भिवानी के विधायक, श्री घनश्याम सर्राफ, और कई अन्य नामी-गिरामी लोगों की उपस्थिति रही।   

भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने भिवानी में सेंटर फॉर साइट के सेंटर का स्वागत किया और अस्पताल की तकनीक, विशेषज्ञता और मरीजों के लिए उपलब्ध शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि ये तमाम चीजें सेंटर फॉर साइट को वन स्टॉप आई केयर डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करती हैं। उन्होंने अस्पताल के उद्घाटन के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो भिवानी में आई केयर के एक नए युग का प्रतीक है जिससे इस क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और सस्ती आई केयर मिलेगी।” 

भिवानी के विधायक, श्री घनश्याम सर्राफ ने कहा कि "भिवानी में सेंटर फॉर साइट के शुभारंभ को देखकर मुझे बेहद खुशी हो रही है, जो हमारे क्षेत्र में उन्नत नेत्र देखभाल सेवाएं ला रहा है। यह केंद्र इस बात का प्रमाण है कि हम अपने राज्य में हर नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कितनी प्रगति कर रहे हैं। इस सुविधा की अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ टीम निश्चित रूप से कई लोगों को लाभान्वित करेगी और हमारी समुदाय में रोके जा सकने वाले अंधेपन के बोझ को कम करने में मदद करेगी।" 

अंधेपन की जिन समस्याओं को ठीक किया जा सकता है उनमें मोतियाबिंद, रिफ्रैक्टिव एरर, ग्लूकोमा और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी कंडीशन शामिल हैं। अच्छी बात ये है कि इनमें से कई बीमारियां न सिर्फ इलाज योग्य हैं बल्कि समय पर हस्तक्षेप और सार्वजनिक जागरूकता के जरिए इन्हें रोका भी जा सकता है।  

सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर महिपाल सिंह सचदेव ने भारत के हर कोने में सस्ती विश्व स्तरीय नेत्र देखभाल लाने के मिशन पर जोर दिया, क्योंकि दुनिया की एक तिहाई दृष्टिहीन आबादी भारत में रहती है। उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर साइट का दृढ़ विश्वास है कि हर आंख बेस्ट इलाज डिजर्व करती है। डॉक्टर महिपाल ने कहा कि सभी लोगों के लिए नेत्र स्वास्थ्य के प्रति हमारा विश्वास और समर्पण सेंटर फॉर साइट को भिवानी लाने में सहायक रहा है।  


भिवानी वासियों के लिए खुशखबरी, शुरू हुई सेंटर फॉर साइट की वर्ल्ड क्लास आई केयर सेवा

इस अवसर पर डॉक्टर महिपाल ने सिल्क (SILK) प्रक्रिया के बारे में भी बताया। स्मूद इंसाइजन लेंटिक्यूल केराटोमिलेसिस यानी सिल्क प्रक्रिया ने मायोपिया मरीजों को उम्मीद की नई किरण दी है। इस प्रक्रिया की मदद से लोगों को बिना ग्लास और कॉन्टेक्ट लेंस के अच्छा विजन पाने में मदद मिली है। यह गर्व की बात है कि भारतीय नेत्र रोग विशेषज्ञों ने इस लेटेस्ट तकनीक के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो अब पूरे भारत के चुनिंदा केंद्रों पर उपलब्ध है। 

उन्होंने आगे कहा, ''सेंटर फॉर साइट में सिल्क प्रक्रिया का पूरी दुनिया में सबसे पहले इस्तेमाल करने पर हमें गर्व है। इससे विश्व स्तर पर भारतीय नेत्र विज्ञान की भूमिका का पता चलता है। इस तकनीक के लिए शुरुआती क्लिनिकल डेटा सेंटर फॉर साइट सहित भारतीय केंद्रों द्वारा दिया गया है। देश और सेंटर फॉर साइट में इस तकनीक को लॉन्च करने पर हमें गर्व है।'' 

भिवानी में सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के इस सेंटर के शुरू होने पर डॉक्टर समीर कुमार, डॉक्टर जूही गर्ग और डॉक्टर रवीश कुमार जेनिथ ने खुशी जताई और भिवानी व आसपास के लोगों को बेहतर आई केयर मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई। 

भारत के 30 से अधिक शहरों में सेंटर फॉर साइट 75 से ज्यादा जगह मौजूद रहै। अब सेंटर फॉर साइट आई केयर को भिवानी में भी ले आया है। इस सेंटर में एक ही छत के नीचे मोतियाबिंद के एडवांस ट्रीटमेंट से लेकर ग्लूकोमा के इलाज तक और सर्जरी की भी सुविधा है। इसके अलावा सेंटर स्थानीय लोगों के लिए नेत्र जांच कैंप भी आयोजित करेगा और एक ऑप्टिकल विंग, सीएफएस विजन का आयोजन करेगा जिसकी मदद से लोगों को कंप्लीट आई सॉल्यूशन दिया जाएगा। 

अत्याधुनिक तकनीक से लैस सेंटर विश्व स्तरीय नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करता है। फेको इमल्सीफिकेशन (फेको) के साथ एडवांस माइक्रो-इंसीजन मोतियाबिंद सर्जरी (एमआईसीएस) के बाद ट्रायफोकल, मल्टीफोकल, टोरिक, ईडीओएफ और एडवांस डिजाइन इंट्राऑकुलर लेंस (आईओएल) जैसे लेंस का प्रत्यारोपण किया जाता है। ये प्रक्रिया बिना टांके, बिना ब्लड लॉस और पेन लैस होती है जिसमें तुरंत राहत मिलती है और इससे ऑपरेशन के बाद रिकवरी सुनिश्चित होती है। 

सेंटर फॉर साइट आई ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स आई केयर के क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन में लगातार जुटा रहता है। नेत्र विज्ञान में ज्ञान को आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता से नई सर्जिकल तकनीकों, उपचारों और प्रौद्योगिकियों का विकास हुआ है, जिससे दुनिया भर में रोगियों को फायदा मिला है। 6500 वर्ग फुट में फैले इस सेंटर में चार कंसल्टेशन रूम और अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर हैं, जिनकी मदद से अच्छी और तकनीकी रूप से एडवांस आई केयर मिलती है।

P.K. SHARMA

Blogging in difference subjects since 2012 and related many media companies, having experiences in this field about 12 years.

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