8 घंटे की मैराथन सर्जरी कर निकाला गया ओवेरियन ट्यूमर, मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में 49 वर्षीय मरीज का सफल इलाज

8 घंटे की मैराथन सर्जरी कर निकाला गया ओवेरियन ट्यूमर, मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में 49 वर्षीय मरीज का सफल इलाज

सोनीपत, 26 दिसंबर 2024: मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शालीमार बाग (नई दिल्ली) के डॉक्टरों ने 8 घंटे की मैराथन सर्जरी के जरिए 49 वर्षीय मरीज से 26*15 सेमी साइज और 5.5 किलो का रिकरेंट ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर निकाला. इस सफल सर्जरी से मरीज को एक नया जीवन मिला. मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी और वाइस चेयरमैन और रोबोटिक सर्जरी चीफ डॉक्टर सुरेंद्र डबास के नेतृत्व में ये सर्जरी की गई. डॉक्टर डबास के साथ मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर पंकज कुमार पांडे और सर्जिकल गायनेकोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर अलका दहिया रहे.


मरीज की बेहद जटिल मेडिकल हिस्ट्री थी. 2019 में अपने होमटाउन में इसी समस्या के लिए उनकी पहली सर्जरी हुई थी, लेकिन पिछले एक साल से मरीज को पेट दर्द, फैलाव, सूजन की समस्या थी. साथ ही एब्डोमिनल मास भी नोटिस में आने जितना हो गया था. पिछले 6-7 महीनों में कई अस्पतालों में दिखाने, कई कीमोथेरेपी साइकिल्स, बायोप्सी के बावजूद मरीज को कोई ठोस समाधान नहीं मिल पा रहा था.


इसके बाद मरीज ने मैक्स अस्पताल शालीमार बाग का रुख किया. पूरी तरह से जांच-पड़ताल करने पर इमेजिंग में एक बड़े ठोस मास का पता चला जो पेल्विक एरिया को चपेट में लिए हुए था और पेट के ऊपरी हिस्से तक जा रहा था. आंत्र और मूत्राशय में भी इसके फैलने की आशंका थी. इस दुर्लभ और जटिल स्थिति ने ट्यूमर के आकार, स्थान और पहली सर्जरी होने के कारण कई तरह की चुनौतियां थीं, जिसके लिए एक बेहद एक्सपर्ट सर्जिकल टीम की आवश्यकता थी.


मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी और वाइस चेयरमैन और रोबोटिक सर्जरी चीफ डॉक्टर सुरेंद्र डबास ने इस केस की चुनौतियों में बारे में जानकारी देते हुए कहा, ''मल्टी डिसिप्लिनरी टीम ने मरीज की बेहतर रिकवरी और दीर्घकालिक प्रोग्नोसिस सुनिश्चित करने के लिए ट्यूमर हटाने के लिए सर्जरी की बात पर जोर दिया. पूरी तरह से प्रीऑपरेटिव आकलन और एनेस्थीसिया क्लीयरेंस के बाद ट्यूमर हटाने की सर्जरी की गई. सर्जरी 7-8 घंटे तक चली. ट्यूमर आसपास के अंगों से घिरा था, इसके बावजूद ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया गया.'


मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में सर्जिकल गायनेकोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर अलका दहिया ने बताया, ''मरीज के लिए बेहतर रिजल्ट लाने के लिए व्यक्तिगत तौर पर मरीज की देखभाल और एक्सपर्ट सर्जिकल टीम की भूमिका काफी अहम होती है. मरीज को लंबे समय तक राहत देने के लिए ट्यूमर को पूरी तरह से निकालना ही महत्वपूर्ण होता है और इस केस में भी सर्जरी के दौरान यही फॉलो किया गया.''


मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर सज्जन राजपुरोहित ने कहा, ''सर्जरी के बाद मरीज ने बहुत अच्छी रिकवरी की और 7वें दिन अच्छी कंडीशन मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया. वो इसके बाद फॉलो-अप पर आती रहीं और उनकी कंडीशन को बेहतर करने के लिए टीम ने हार्मोन थेरेपी पर रखा. अभी वो स्वस्थ और खुश हैं, धीरे-धीरे नॉर्मल हो रही हैं.''


कैंसर के इलाज के मामले में मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग अगली पंक्ति में शुमार है. यहां द विंची रोबोट, रेडिजैक्ट X9 टोमोथेरेपी, ट्रू-बीम लीनियर एक्सेलरेटर जैसी शानदार टेक्नोलॉजी हैं और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर राजेंद्र कुमार जैसे विशेषज्ञों की टीम है. यहां प्रिसाइज रेडिएशन ट्रीटमेंट भी मुहैया कराया जाता है. हमारा मकसद कैंसर को सटीक अंदाज में टारगेट करना है ताकि रेडिएशन के साइड इफेक्ट कम से कम हों.

P.K. SHARMA

Blogging in difference subjects since 2012 and related many media companies, having experiences in this field about 12 years.

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