ब्लड कैंसर मरीजों के लिए अर्ली डायग्नोज काफी अहम

ब्लड कैंसर मरीजों के लिए अर्ली डायग्नोज काफी अहम
डॉक्टर राहुल भार्गव 
अलीगढ़: ब्लड कैंसर के इलाज में शुरुआती स्टेज में इलाज और नई तकनीक काफी कारगर साबित हो रही है. फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में हेमेटोलॉजी, हेमेटो ऑन्कोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट के चीफ और प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉक्टर राहुल भार्गव ने पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट के क्षेत्र में हुए लेटेस्ट एडवांसमेंट के बारे में जानकारी दी. ब्लड कैंसर (इसे हेमाटोलॉजिक कैंसर भी कहा जाता है) से शरीर के खून, बोन मैरो और लिम्फैटिक सिस्टम पर असर पड़ता है. डॉक्टर भार्गव ने ब्लड कोशिकाओं के प्रोडक्शन और फंक्शन, लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स पर असर होता है. 

ब्लड कैंसर के मामले में डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट काफी अहम होता है. ब्लड कैंसर में ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा के केस होते हैं जिनकी अपने सब-टाइप भी होते हैं. जेनेटिक म्यूटेशन, केमिकल के संपर्क में आना, रेडिएशन, फैमिली हिस्ट्री और वायरल इंफेक्शन से कैंसर का रिस्क बढ़ता है, ऐसे में पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान काफी महत्वपूर्ण होता है.

ब्लड कैंसर के अलग-अलग लक्षण होते हैं जैसे थकावट, वेट लॉस, इंफेक्शन, चोट, लिम्फ नोड्स और हड्डी में दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है. बीमारी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट, बोन मैरो टेस्ट, इमेजिंग स्कैन और जेनेटिक टेस्टिंग कराई जाती है. 

फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में हेमेटोलॉजी, हेमेटो ऑन्कोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट के चीफ और प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉक्टर राहुल भार्गव ने कहा, ''ब्लड कैंसर का इलाज किया जा सकता है और इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर का टाइप, स्टेज और मरीज की कंडीशन क्या है. इसके इलाज में कीमोथेरेपी, रेडिएशन, स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन, टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी की जाती है. थकान, मतली और कमजोर इम्यूनिटी जैसे साइड इफेक्ट को भी इस प्रक्रिया के दौरान मैनेज किया जाता है.''

कैंसर कारणों में स्पष्टता न होने के कारण कई बार बचाव करना मुश्किल रहता है लेकिन लाइफस्टाइल को स्वस्थ बनाकर और कार्सिनोजेनिक एक्सपोजर से दूर रहकर रिस्क को कम किया जा सकता है. इलाज के बाद कई मरीज सामान्य जीवन गुजारते हैं, फॉलो अप के लिए जाते हैं. अगर रोग की शुरुआती स्टेज में पहचान हो जाए और सही वक्त पर इलाज शुरू हो जाए तो मरीज के लिए रिजल्ट बेहतर हो जाते हैं. तमाम मुश्किलों के बावजूद कई ऐसे इलाज हैं जो मरीजों को उम्मीद देते हैं. डॉक्टर भार्गव इस बात पर जोर देते हैं कि सही इलाज के लिए ब्लड कैंसर को समझना बेहद अहम होता है, जिससे मरीजों को फ्यूचर सुरक्षित होता है.
 

P.K. SHARMA

Blogging in difference subjects since 2012 and related many media companies, having experiences in this field about 12 years.

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