इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शालीमार बाग में ऑन्कोलॉजी के वाइस चेयरमैन व चीफ रोबोटिक सर्जरी डॉक्टर सुरेंद्र डबास, सीनियर डायरेक्टर-मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉक्टर सज्जन राजपुरोहित और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर राजेंद्र कुमार मौजूद रहे. इन विशेषज्ञों ने रोबोटिक सर्जरी से जुड़े मिथ दूर किए, लोगों को इस प्रक्रिया से इलाज के फायदे बताए. बड़ी तादाद में सफल रोबोटिक ऑन्कोलॉजिकल सर्जरी करने वाले डॉक्टर डबास का उद्देश्य मरीजों को बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ इलाज मुहैया कराना है ताकि रिजल्ट अच्छे आएं, प्रक्रिया मिनिमली इनवेसिव हो और सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी तेजी से हो.
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शालीमार बाग में ऑन्कोलॉजी के वाइस चेयरमैन व चीफ रोबोटिक सर्जरी डॉक्टर सुरेंद्र डबास ने कहा, ''भारत में प्री-मैच्योर मौत का एक बड़ा कारण कैंसर है जो महिलाओं और पुरुषों दोनों को अपनी चपेट में लेता है. देश में बढ़ रहे कैंसर के मामले ये दर्शाते हैं कि बीमारी के बारे में लोगों को जानकारी की कमी है, साथ ही रोग के शुरुआती पहचान का महत्व भी वो नहीं समझ पा रहे हैं. खराब लाइफस्टाइल कैसे लोगों को नुकसान पहुंचा रही है, इससे वो भी अनभिज्ञ हैं. कैंसर के इलाज के लिए अब दि विंची Xi सर्जिकल रोबोट उपलब्ध है, जो 3डी है और इससे प्राप्त विजुअल डॉक्टर को मुश्किल से मुश्किल सर्जरी में मदद करते हैं, सर्जरी में ब्लड लॉस कम होता है, अस्पताल में कम रहना पड़ता है और मरीज की रिकवरी तेजी से होती है.''
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शालीमार बाग में सीनियर डायरेक्टर-मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉक्टर सज्जन राजपुरोहित ने कहा, ''साइड इफेक्ट के बावजूद कीमोथेरेपी को लंबे समय से कैंसर का पहला इलाज समझा जाता रहा है. हालांकि, इससे आगे बढ़ते हुए इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी का भी इस्तेमाल अब किया जा रहा है. हाल के वक्त में कैंसर थेरेपी में काफी एडवांसमेंट हुए हैं, खासकर इम्यूनोथेरेपी में, जिसने सर्वाइवल रेट 30 परसेंट तक बढ़ा दिया है. टारगेटेड थेरेपी का फोकस स्पेसिफिक मॉलिक्यूलर टारगेट पर होता है जो कम साइड इफेक्ट के साथ ज्यादा असरदार साबित होती है. अब मरीज को बहुत ही प्रसाइज दवा दी जाती है, जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है, और मरीज की स्थिति के हिसाब से इलाज प्लान किया जाता है. ड्रग डिलीवरी, लिक्विड बायोप्सी और थेरेपी के कॉम्बिनेशन से कैंसर मरीजों के लिए और राहत आई है.''
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शालीमार बाग में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर राजेंद्र कुमार ने कहा, ''हाल के आंकड़े बताते हैं कि विकासशील देशों में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, साथ ही कैंसर के इलाज में काफी तरक्की भी हो रही है. रेडिएशन थेरेपी ने ऐसे मामलों में भी उम्मीद दी है जिन्हें इलाज योग्य नहीं समझा जाता था, इसमें सर्जरी के बाद फिर से रोग पनपने से रुक जाता है, बाएं साइड के ब्रेस्ट कैंसर के मामले में दिल पूरी तरह सुरक्षित रहता है, हेड व नेक कैंसर मरीजों को इसका काफी लाभ मिलता है. मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग टोमोथेरेपी मशीन के साथ मरीजों की सेवा कर रहा है. इसमें ट्यूमर की रियल टाइम इमेज मिलती है और एकदम सटीक अंदाज में रेडिएशन से ट्यूमर को टारगेट किया जाता है.''
मैक्स सुपर स्पेशलिटी शालीमार बाग कैंसर के इलाज से जुड़ी हर नई एडवांसमेंट के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिबद्ध है. अस्पताल लोगों को भ्रामक जानकारियों से दूर रहने और नई तकनीक के बारे में जानकर रोबोट की मदद से की जाने वाली सर्जरी के विकल्पों का इस्तेमाल करने की सलाह देता है.