जन्मजात हार्ट डिजीज को लेकर मैक्स ने आयोजित किया अवेयरनेस सेशन

जन्मजात हार्ट डिजीज को लेकर मैक्स ने आयोजित किया अवेयरनेस सेशन

मेरठ। मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल साकेत (नई दिल्ली) के डॉक्टरों ने एक अवेयरनेस सेशन का आयोजन किया, जिसमें जन्मजात दिल की बीमारियों से जुड़े मामलों की सफल सर्जरी और उसके इलाज के लिए उपलब्ध एडवांस ट्रीटमेंट मॉड्यूल के बारे में लोगों को जानकारी दी।

इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेशलिटी साकेत में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर मुनेष तोमर मौजूद थी, जिन्होंने जन्मजात कार्डियक डिजीज के हाल के दो सफल मामलों के बारे में बताया। एक-दो दिन के बच्चे (शीना का बेबी) को तेजी से सांस लेने और नीलेपन की शिकायत थी. बच्चे की हालत को देखते हुए उसे मेरठ के एक अस्पताल में लाया गया. यहां शिशु को वेंटिलेटर पर रखा गया, उसकी ऑक्सीजन 30-40% (सामान्य सीमा 95-100%) तक गिर गई थी. मैक्स सुपर स्पेशलिटी साकेत में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर मुनेष तोमर ने मेरठ की अपनी रुटीन ओपीडी के इस बच्चे को देखा और हालात का मूल्यांकन करने पर कॉम्प्लेक्स हार्ट डिजीज का पता चला. बच्चे के दिल में छेद भी थी. इसके अलावा किडनी और ब्लड इंफेक्शन की भी समस्या थी. सर्जरी के बाद बच्चे ने अच्छे से रिकवरी की और 9वें दिन अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. अब 7 महीने की उम्र में बच्चे की हेल्थ बहुत अच्छी है.

डॉक्टर मुनेष तोमर ने बताया, मेरठ की कार्डियोलॉजी ओपीडी में जांच के बाद मास्टर अभय का मामला मैक्स अस्पताल साकेत में लाया गया. अभय के पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे, जिनकी स्थिति को देखते हुए एक एनजीओ के माध्यम से उनकी आर्थिक मदद का इंतजाम किया गया. मास्टर अभय के फेफड़ों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए बाइडायरेक्शनल ग्लेन शंट किया गया और आखिरकार उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन 84% तक सुधर गया. आईसीयू में अभय की आसानी से रिकवरी हुई और सर्जरी के 6 दिन बाद ही उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. मेडिकल के हिसाब से ये एक शानदार सफलता वाला केस रहा.

P.K. SHARMA

Blogging in difference subjects since 2012 and related many media companies, having experiences in this field about 12 years.

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