अलीगढ़, 24 मई 2024: कैंसर के इलाज में हुई तकनीकी प्रगति के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम के डॉक्टरों ने आज एक अवेयरनेस सत्र आयोजित किया.
इस मौके पर सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर विनय गायकवाड़, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉक्टर विनीत कॉल, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर मानसी चौहान और मेडिकल ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर पूजा बब्बर मौजूद रहे*. इन डॉक्टरों ने रोबोट असिस्टेड जैसे कैंसर ट्रीटमेंट की तमाम लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लोगों को अवगत कराया.
सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर विनय गायकवाड़ ने कहा*, ''गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर जीआई पथ और पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं जिसमें अन्नप्रणाली, पेट, छोटी और बड़ी आंतों, लिवर, पित्ताशय की थैली, पैंक्रियाज आदि शामिल हैं. हमारा प्रयास इस तरह के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और ऐसे रोगियों के लिए सपोर्टिव माहौल प्रदान कराना है. हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी (एचआईपीईसी) और प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोल कीमोथेरेपी (पीआईपीएसी) इनोवेटिव ट्रीटमेंट हैं जो कुछ कैंसर ठीक करने में काफी अहम रोल निभाते हैं. इलाज की यह विधि एडवांस या बार-बार पनपने वाले कैंसर के रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो एक बेहतर विकल्प प्रदान करती है जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है.
टेक्नोलॉजी के विस्तार और रोबोट असिस्टेड सर्जरी की प्रगति की मदद से डॉक्टर कोलन कैंसर, पेट के कैंसर, लिवर मेटास्टेस जैसे चुनौतीपूर्ण ट्यूमर को अच्छी तरह से ठीक करने में सक्षम है. ये तकनीक मिनिमली इनवेसिव और कम निशान देने वाली होती है, जिससे मरीजों की रिकवरी तेजी होती है, दर्द कम होता है, अस्पताल में कम वक्त स्टे करना पड़ता है और सर्जरी के बाद की परेशानियां बहुत कम होती हैं.
सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉक्टर विनीत कॉल ने कहा,* ''ओरल कैंसर यानी मुंह का कैंसर आनुवंशिक, लाइफस्टाइल और पर्यावरणीय कारकों के मिश्रण से हो सकता है, जिसमें तंबाकू का उपयोग, शराब का ज्यादा सेवन, एचपीवी संक्रमण, खराब पोषण, क्रोनिक सन एक्सपोजर, आनुवंशिक प्रवृत्ति और उम्र जैसे रिस्क फैक्टर शामिल हैं.
रोबोट असिस्टेड सर्जरी के जरिए कैंसर सेल्स को नष्ट कर दिया जाता है और मुंह के फंक्शन और चेहरे के हाव-भाव पर भी कुछ गलत असर नहीं पड़ता है. इसमें वाइड लोकल एक्सीजन, ग्लोसेक्टोमी, मैंडीबुलेक्टोमी, मैक्सीलेक्टोमी और नेक डिसेक्शन जैसी प्रक्रिया शामिल हैं. सर्जरी के बाद स्किन ग्राफ्ट्स और फ्लैप रिकंस्ट्रक्शन जैसी रिकंस्ट्रक्शन तकनीक भी उपलब्ध हैं. इसके अलावा रेडिएशन, कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी भी सर्जरी के बाद बचे हुए कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.''
सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर मानसी चौहान ने कहा*, ''पिछले कुछ दशकों में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काफी तरक्की हुई है. यह एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम के प्रयास पर आधारित प्रक्रिया है. रोबोट असिस्टेड प्रक्रियाओं की मदद से हमारे अधिकांश मरीज बेहतर सर्जिकल तकनीकों जैसे सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी, बेहतर दवाओं और रेडिएशन तकनीकों से इलाज पा रहे हैं.
महिलाओं में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण सर्वाइकल कैंसर है और एचपीवी इंफेक्शन इसका सबसे आम कारण होता है. अवेयरनेस सत्रों के माध्यम से लोगों को रोग के अर्ली डायग्नोसिस और फिर एडवांस रोबोटिक तकनीक से इलाज मिलने पर आने वाले अच्छे रिजल्ट के बारे में अवगत कराया जा रहा है.
सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में मेडिकल ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉक्टर पूजा बब्बर ने कहा*, ''तमाम साइड इफेक्ट होने के बावजूद कीमोथेरेपी को आज भी कैंसर का सबसे पहला ट्रीटमेंट माना जाता है. हालांकि, इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहे हैं.
हाल के वर्षों में कैंसर चिकित्सा में अभूतपूर्व प्रगति देखी गई है, विशेष रूप से इम्यूनोथेरेपी में, जीवित रहने की दर में 30% तक की वृद्धि हुई है.ओरल कीमोथेरेपी में मरीज अपने घरों में आराम से कैंसर से लड़ने वाली दवाएं ले सकते हैं जिससे बार-बार अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं रहती है. इसकी सुविधा सर्वोपरि है, जो मरीजों को न केवल एक उपचार विकल्प प्रदान करती है, बल्कि उनकी चुनौतीपूर्ण यात्रा के दौरान नियंत्रण और स्वायत्तता की भावना भी प्रदान करती है.
सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम में रोबोटिक सर्जरी के जरिए कई तरह के कैंसर का इलाज किया जा रहा है. यहां कैंसर का इलाज सटीकता, मिनिमली इनवेसिव और बेहतर रिजल्ट के साथ किया जा रहा है. जैसे जैसे तकनीक में इजाफा हो रहा है कैंसर की चुनौतीपूर्ण सर्जरी भी रोबोटिक तकनीक की मदद से संभव होती जा रही हैं.