अल्जाइमर के शुरूआती लक्षणों को पहचानकर जीवन बनाया जा सकता है आसान

अल्जाइमर के शुरूआती लक्षणों को पहचानकर जीवन बनाया जा सकता है आसान

सोनीपत। अल्जाइमर एक ऐसी दिमागी बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे मेमोरी लॉस होती रहती है और संज्ञानात्मक क्षमता भी घटती रहती है जिसके कारण रूटीन काम करने में भी मुश्किल होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अल्जाइमर रोग मनोभ्रंश (डिमेंशिया) का सबसे आम रूप है, जो 60-70% मामलों के लिए जिम्मेदार है, और मौजूदा वक्त में ये मौतों का सातवां प्रमुख कारण है।  

 

विश्व स्तर पर बुजुर्ग लोगों में विकलांगता और निर्भरता का भी एक प्रमुख कारण है। मस्तिष्क में परिवर्तन के कारण कुछ प्रोटीन जमा हो जाते हैं अल्जाइमर रोग के कारण ब्रेन सिकुड़ जाता है और मस्तिष्क कोशिकाओं की मौत हो जाती है, जिससे याददाश्त, सोच, व्यवहार और सामाजिक कौशल में गिरावट आती है, जिससे किसी व्यक्ति की कार्य करने की क्षमता काफी प्रभावित होती है।  

 

मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग नई दिल्ली) में न्यूरोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर मनोज खनल ने अर्ली डिटेक्शन और व्यापक केयर के बारे में बताते हुए कहा, अल्जाइमर बीमारी सिर्फ पीड़ितों के लिए बल्कि उनके परिवारों देखभाल करने वालों के लिए भी कई तरह के चुनौतीपूर्ण होती है। अर्ली डायग्नोसिस और मल्टी डिसीप्लिनरी अप्रोच के साथ इलाज करने पर मरीज के जीवन में काफी सुधार सकता है। मैक्स अस्पताल में हमारी टीम इस जटिल स्थिति के लिए बेस्ट संभव इलाज देती है, यहां एडवांस डायग्नोस्टिक उपकरण हैं और इस समस्या के समाधान के लिए एक्सपर्ट प्रोफेशनल्स की टीम है  

 

डॉक्टर मनोज खनल ने सोनीपत स्थित ट्यूलिप हॉस्पिटल में हर महीने के दूसरे और चौथे गुरुवार को दोपहर 3 बजे से शाम 4 बजे तक ओपीडी में भी बैठते हैं जहां वो मरीजों को परामर्श देते हैं। डॉक्टर मनोज ने आगे इस बीमारी के संदर्भ में बताया, अल्जाइमर के शुरूआती संकेतों लक्षणों में मेमोरी लॉस, मूड व्यवहार में बदलाव, चीजों को कहीं भी रख देना, परिवार के बीच काम को ठीक से कर पाना, बातचीत में परेशानी और खो जाना शामिल है। इससे पीड़ित लोग बीते इवेंट और बातों को भूल जाते हैं, नाम भूल जाते हैं, कन्फ्यूजन की स्थिति में रहते हैं, संदेह की हालत रहती है, डिप्रेशन में रहते हैं, कोई डर या तनाव रहता है, रेगुलर बेसिस पर चीजों पर गलत जगह रखते हैं

P.K. SHARMA

Blogging in difference subjects since 2012 and related many media companies, having experiences in this field about 12 years.

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