25 की उम्र के बाद हर साल ज़रूरी है हार्ट चेकअप

25 की उम्र के बाद हर साल ज़रूरी है हार्ट चेकअप

पानीपत: भारत में हार्ट डिसीस आज भी मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक हैलेकिन इनकी बड़ी संख्या को समय पर स्क्रीनिंग और सरल जीवनशैली में बदलाव से रोका जा सकता है। दुर्भाग्य सेकई लोग शुरुआती लक्षणों और जांचों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और तब तक इंतजार करते हैं जब तक समस्या गंभीर न हो जाएजिससे हृदय को हुआ नुकसान अक्सर ठीक करना मुश्किल हो जाता है। 


हार्ट डिसीस अचानक विकसित नहीं होते। उच्च कोलेस्ट्रॉलउच्च रक्तचापमधुमेहधूम्रपानतनाव और अस्वस्थ खानपान धीरे-धीरे ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। शुरुआत में ये समस्याएँ कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखातींलेकिन समय के साथ आर्टरीज़ को संकरा कर देती हैंरक्त आपूर्ति घटा देती हैं और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देती हैं।     


मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटलशालीमार बाग के कार्डियोलॉजी विभाग के वाइस चेयरमैन एवं एचओडी डॉ. नवीन भामरी ने बताया कि नियमित जांच से हार्ट डिसीस के छुपे हुए जोखिम कारकों को शुरुआती अवस्था में ही पकड़ा जा सकता है। ईसीजीइकोकार्डियोग्राफीलिपिड प्रोफाइलब्लड शुगर जैसी जांचें और कुछ मामलों में सीटी एंजियोग्राफी जैसी एडवांस जांचें हृदय की छिपी समस्याओं को सामने ला सकती हैं। शुरुआती पहचान डॉक्टरों को समय रहते इलाजजीवनशैली सुधार या आवश्यक हस्तक्षेप करने का मौका देती है और बड़ी आपात स्थितियों से बचाती है। स्क्रीनिंग सिर्फ उन लोगों के लिए नहीं है जिन्हें पहले से हृदय रोग है। हर वयस्क को 25 वर्ष की उम्र के बाद सालाना हृदय जांच पर विचार करना चाहिए। जिनके परिवार में हृदय रोगडायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर का इतिहास हैउन्हें और भी ज्यादा सावधान रहना चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो नियमित जांच अनिवार्य मानी जानी चाहिएक्योंकि उम्र के साथ हृदय रोग का खतरा स्वतः बढ़ता है।“ 


डॉ. नवीन ने आगे बताया कि जांच के साथ-साथ रोज़मर्रा की आदतें भी हृदय को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। संतुलित आहार जिसमें फलसब्जियांसाबुत अनाज और हल्के प्रोटीन शामिल होंबेहद ज़रूरी है। तैलीयतला-भुना और प्रोसेस्ड भोजन कम करने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। हफ्ते में अधिकांश दिनों पर कम से कम आधे घंटे तेज़ चाल से चलनायोग या साइकिलिंग करने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है और दिल मज़बूत रहता है। साथ ही धूम्रपान से पूरी तरह दूरीशराब का सीमित सेवनध्यान और हॉबीज़ के जरिए तनाव कम करना, 7–8 घंटे की नींद लेना और स्वस्थ वजन बनाए रखना हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी हैं।“ 


छाती में भारीपनअचानक सांस फूलनाअसामान्य थकानचक्कर आना या अत्यधिक पसीना आना – इन लक्षणों को कभी नज़रअंदाज़ न करें। कई मरीज इन्हें गैस्ट्रिक समस्या समझकर देर कर देते हैंजिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। 


आपका दिल समय से पहले ध्यान चाहता है। किसी आपात स्थिति का इंतजार न करें। नियमित जांच कराएंशरीर के संकेतों को सुनें और अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करें। आज उठाए गए ये कदम आपके दिल को लंबे समय तक स्वस्थ और मज़बूत बनाए रखेंगे।

P.K. SHARMA

Blogging in difference subjects since 2012 and related many media companies, having experiences in this field about 12 years.

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