मोटापा और उससे जुड़ी समस्याओं का बैरिएट्रिक सर्जरी से दीर्घकालिक समाधान

मोटापा और उससे जुड़ी समस्याओं का बैरिएट्रिक सर्जरी से दीर्घकालिक समाधान

बहादुरगढ़ : मोटापा आजकल एक ऐसी समस्या बन चुकी है, जो कई गंभीर और घातक बीमारियों को जन्म देती है। भारत दुनिया में मोटापे के मामले में तीसरे स्थान पर है, अमेरिका और चीन के बाद। डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, नींद संबंधी विकार, जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द, उच्च कोलेस्ट्रॉल, फैटी लीवर, थायरॉयड विकार, पीसीओडी, बांझपन और कैंसर जैसी बीमारियां मोटापे से जुड़ी होती हैं।

 

बैरिएट्रिक सर्जरी वजन घटाने का एक प्रभावी तरीका है, जिसमें पेट के आकार को छोटा करना या आंतों के कुछ हिस्सों को बाईपास करके कैलोरी अवशोषण को नियंत्रित किया जाता है। यह प्रक्रिया केवल भोजन की खपत को सीमित करती है, बल्कि शरीर के मेटाबोलिज्म में भी बदलाव लाती है, जिससे मोटापे से जुड़ी बीमारियों में सुधार होता है।

 

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारका के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, मिनिमल एक्सेस और बैरिएट्रिक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अरुण भारद्वाज का कहना है, "मोटापा केवल वजन का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। बैरिएट्रिक सर्जरी ने वजन कम करने और मोटापे से संबंधित समस्याओं को नियंत्रित करने में दीर्घकालिक सफलता प्रदान की है। यह सर्जरी केवल वजन घटाने में मदद करती है, बल्कि डायबिटीज, फैटी लीवर, नींद के विकार, गठिया और थायरॉयड विकार जैसी समस्याओं को भी प्रभावी रूप से सुधारती है। भारत में सबसे सामान्य बैरिएट्रिक प्रक्रियाओं में स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी, गैस्ट्रिक बाईपास और मिनी-गैस्ट्रिक बाईपास शामिल हैं। ये प्रक्रियाएं लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक तकनीक से की जाती हैं। इसके अलावा, इंट्रागैस्ट्रिक बैलून जैसी गैर-सर्जिकल प्रक्रियाएं भी उपलब्ध हैं, जिन्हें ओपीडी में किया जा सकता है।

 

हालांकि, यह समझना जरूरी है कि बैरिएट्रिक सर्जरी अन्य आम सर्जिकल प्रक्रियाओं जैसे पित्ताशय की पथरी या हर्निया ऑपरेशन जितनी ही सुरक्षित है। फिर भी, इसे एक बहु-आयामी दृष्टिकोण के तहत किया जाना चाहिए, जिसमें सर्जरी से पहले व्यापक स्वास्थ्य मूल्यांकन और रोगी का सही तरीके से अनुकूलन शामिल हो।

 

सफलता की दर व्यक्ति की जीवनशैली और प्रक्रिया के बाद डॉक्टर द्वारा सुझाई गई डाइट और व्यायाम पर निर्भर करती है। अधिकतर लोग बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद दीर्घकालिक वजन घटाने और जीवनशैली में सुधार का अनुभव करते हैं। डॉ. भारद्वाज ने यह भी बताया, "यह सर्जरी एक साधन है, लेकिन सफलता का वास्तविक मापदंड आपकी जीवनशैली में बदलाव और मोटिवेशन है। सर्जरी के बाद स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम और परिवार दोस्तों का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है।"

 

मोटापे से निपटने के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी एक दीर्घकालिक समाधान साबित हो सकती है। सही विकल्प चुनने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना और सर्जरी के बाद स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना अनिवार्य है।

P.K. SHARMA

Blogging in difference subjects since 2012 and related many media companies, having experiences in this field about 12 years.

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